बस इसे इमानदारी से निभाने की ज़रूरत है...
ये एक एहसास है जो बस हो जाता है ....
जिसको किसी की मंजूरी की इजाज़त नहीं ...
प्यार तो सिर्फ एक इबादद है...
जब किसी से होता है तो ....
बिना किसी शर्त के होता है ....
बिना किसी शर्त के होता है ....
इस बात को समझने के लिए ...
ज़रूरी है की किसी से आप खुद ...
बिना शर्त प्यार करो ....
भले वो किसी से भी हो ......
ज़रूरी है की किसी से आप खुद ...
बिना शर्त प्यार करो ....
भले वो किसी से भी हो ......
प्यार शर्तो का मोहताज नहीं ...
बस इसे इमानदारी से निभाने की ज़रूरत है.....
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