My Shelfari Bookshelf

Shelfari: Book reviews on your book blog

Monday, May 14, 2012

ज़िन्दगी के किसी मोड़ पे....



ज़िन्दगी के किसी मोड़ पे....
मिले तो अजनबी की तरह....
चार कदम भी नहीं चले थे ....
बस कुछ पल ही साथ गुज़ार पाए थे....
की अचानक एक दिन लगा ....
की कोई अपना था जो खो गया ....
 लगता है जैसे कोई अपना बिछड गया है....

श्रुति मेहेंदले 14th में 2012

Welcome to Sentiments

When we connect to any one it is the Sentiments we have with each other that is reflected