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Shelfari: Book reviews on your book blog

Thursday, August 13, 2009

जाने कोई समज पायगा की नहीं ....

आज कल की भागती दुनिया में इंसानों के पास वक़्त कहा ......

जहा इन्सान की सिस्किय्यो की कीमत नहीं ...
ये दिल की गहराही से लिखे शब्दों की सिसकिया है .....
जाने कोई समज पायगा की नहीं ....


जहा इंसानियत की कीमत नहीं ....
ये तो फिर एक जज़्बात है दिल के ...
जाने कोई समज पायगा की नहीं ...


आज कल की भागती दुनिया में इंसानों के पास वक़्त कहा ......

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Welcome to Sentiments

When we connect to any one it is the Sentiments we have with each other that is reflected