वैस ही प्यार कि गहराई नापना मुश्किल है ...
सागर में कोई समाना चाहे तो समां जाये ...
वैस ही गर कोई प्यार में समाना चाहे तो समां जाये ..
सागर के कितने अनगिनत राज है ...
जो कि उसमे डूब के ही जान सकते हो ......
वैस ही प्यार के भी अनगिनत पहलू है ......
जो कि उसमे डूब जाने वाला ही महसूस कर सकता है ...
श्रुति मेहेंदले 9th सितम्बर 2009
श्रुति मेहेंदले 9th सितम्बर 2009
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