जब हम मिले थे तो .....
साथ ना चलते हुए भी एक दुसरे के साथ थे ....
ना जाने कब पता ही नहीं चला ...
तुम न जाने क्यों आगे निकल गए .....
कभी तो बीते दर्द को याद करके ....
तो कभी आने वाले दर्द के एहसास से ...
तुम इस दर्द के बहाने मुझे भुलाना चाहो....
शायद ये मुमकिन भी हो .....
लकिन ज़िन्दगी में कभी मुड़ के देखोगे तो .....
मुझे ज़रूर इंतज़ार करते पाओगे ....
ये पयार ना होगा कम....
क्योंकि मैंने प्यार शर्तो पे नहीं किया .....
श्रुति मेहेंदले 27th अगस्त 2009
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