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Friday, February 12, 2010

आपको देखे अर्सा बीत गये....



आपको देखे अर्सा बीत गये....
आस का दीपक टिमटिमा रहा....
इस जुस्तजु मे कि ....
जाने कब होगा दीदार .....
हमे तो अब भी उस दिन.....
उस पल का है इंतज़ार.....
जब तुम से फ़िर होगी मुलाकत....
हकीकत तो ये है कि ....
हम तो आप कि खुशी मे है खुश....
लेकिन गम तो इस बात का है....
तुम मेरे दिल कि ....
छोटी छोटी खुशीयो को ....
नहीं समझ सके ...
मुझें कल भी इंतज़ार था....
आज भी है ...
मै ज़िंदगी के उसी मुका पे खडी हूँ....
जहा से तुम...

 अकेले ही सफ़र पे निकल पड़े
और मै चाह कर भी...

 तुम तक नहीं पहुँच पा रही ....


श्रुति  मेहेंदले 12th फरवरी 2010 

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