जाने कैसे तुम से मुलाकात हुई और.......
बस एक एहसास है जो,
अब तो दस्तक दे के बस गया है,
जाने क्यों इस दिल में
जाने कैसे तुमको ये दिल दे बैठे और....
बस एक एहसास है जो,
अब तो मिटाए ना मिटे,
जाने क्यों इस दिल से
जाने कैसे तुमसे एक कशिश सी है और .........
बस एक एहसास है जो ,
अब तो समझाए ना समझे,
जाने क्यों इस दिल को
जाने कैसे तुम में ज़िन्दगी उलझ सी गई है और.......
बस एक एहसास है जो ,
अब इस उलझन में भी सुकून है पता ,
जाने क्यों इस दिल में
श्रुति मेहेंदले 9th सितम्बर 2009

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