ख़ामोशी !!!!उफ़ ये ख़ामोशी ....
अपनेआप में ही कुछ गुमसुम सी ..
ये ख़ामोशी ....
चुपके से कुछ कह रही ...
ये ख़ामोशी ...
कुछ लफ्जों को तरसती ...
ये ख़ामोशी ...
हम तो खामोश है तुम्हारी ख़ामोशी में..
जान !!! पर तुम क्यों हो खामोश से ..
ख़ामोशी !!!!उफ़ ये ख़ामोशी ...
वक़्त वक़्त कि बात है आज तुम हो खामोश ...
अपनेआप में ही कुछ गुमसुम सी ..
ये ख़ामोशी ....
चुपके से कुछ कह रही ...
ये ख़ामोशी ...
कुछ लफ्जों को तरसती ...
ये ख़ामोशी ...
हम तो खामोश है तुम्हारी ख़ामोशी में..
जान !!! पर तुम क्यों हो खामोश से ..
ख़ामोशी !!!!उफ़ ये ख़ामोशी ...
वक़्त वक़्त कि बात है आज तुम हो खामोश ...
ना चाहते हुए हम भी दे रहे साथ...
तुम्हारा इस ख़ामोशी में
चलने दो ये सिलसिला ख़ामोशी का ...
आज ये ख़ामोशी तुम्हारी चाह है ...
कल न जाने यही ख़ामोशी ....
तुम्हारी मज़बूरी न बन जाये...
तुम्हारी मज़बूरी न बन जाये...
ख़ामोशी !!!!उफ़ ये ख़ामोशी ...
वक़्त ने आज तक ...
किसी का इंतजार नहीं किया ....
कब ये करवट बदले और हम...
तुम्हारी ख़ामोशी में गुम ..
तुम्हारी ख़ामोशी में गुम ..
इस जहा से अलविदा हो ...
फिर न कोई तरसेगा तुम्हारे इन कुछ लफ्जों को ...
फिर तुम और तुम्हारी ये ख़ामोशी ....
जी भर के खेलना ये ख़ामोशी का ये खेल....
ख़ामोशी !!!!उफ़ ये ख़ामोशी ...
श्रुति मेहेंदले 8th दिसम्बर 2009
श्रुति मेहेंदले 8th दिसम्बर 2009